बैंक ऑफ अमेरिका ने 48 घंटे में भारत की वृद्धि दर का अनुमान फिर घटाया, वैश्विक मंदी का खतरा गहराया

 


बैंक ऑफ अमेरिका ने 48 घंटे में भारत की वृद्धि दर का अनुमान फिर घटाया, वैश्विक मंदी का खतरा गहराया


कोरोना वायरस की वजह से दुनिया में आर्थिक मंदी की आशंका गहराती जा रही है। बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज ने वैश्विक आर्थिक मंदी के गहराते खतरे के बीच भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 48 घंटे में दो बार घटाया है।


 

वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के अनुमान को 0.90 प्रतिशत घटा कर 3.1 प्रतिशत कर दिया है। इसी तरह उसने पूरे वित्त वर्ष के जीडीपी वृद्धि के अनुमान को पूरे एक प्रतिशत कम कर के 4.1 प्रतिशत पर रखा है।

बुधवार को अप्रैल-जून 2020-21 की जून तिमाही की वृद्धि दर के अनुमान को 0.80 अंक घटा कर 4 प्रतिशत और चालू वित्त वर्ष की वर्तमान मार्च में समाप्त हो रही तिमाही के अनुमान को 4.30 प्रतिशत से घटा कर 4 प्रतिशत किया गया था।

बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज ने बुधवार को अगले पूरे वित्त वर्ष के वृद्धि के अनुमान को भी 5.1 प्रतिशत रखा था। इसने बुधवार को अनुमान लगाया था कि कोरोना वायरस संकट के चलते वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 2020 में गिर कर इस बार 2.2 प्रतिशत पर आ जाएगी। मगर अब इसे घटाकर मात्र 0.4 प्रतिशत कर दिया है।

इसने इस साल चीन की वृद्धि 1.5 प्रतिशत रहने और अमेरिका के जीडीपी में 0.8 प्रतिशत का संकुचन होने का अनुमान लगाया है। बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज की रपट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक अगले वित्त वर्ष में अपनी नीतिगत ब्याज (रेपो) में एक प्रतिशत की कमी कर सकता है। इस रिपोर्ट में अनुमान है कि भारत में वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति गिर कर 2.5 प्रतिशत पर आ जाएगी। इसमें अच्छे विदेशी मुद्रा भंडार की बदौलत भारतीय रुपये विनिमय दर के मजबूत रहने का अनुमान लगाया गया है।